चरखारी के सूखे तालाबों को किया लबालब!
महोबा। जिले में मंडरा रही अकाल की काली छाया से भले ही इंसान और जानवर क्षुधा तृप्ति के लिए परेशान हैं, मगर यहां के हालात अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए वरदान साबित हो रही है। आंकड़ों की बाजीगरी में माहिर ये लोग गांवों को समस्या विहीन करने के लिए शासन द्वारा भेजी धनराशि को कार्यो में खर्च दर्शा अपनी जेबें भरने में जुटे है।
सूखे की भयावह स्थिति यह है कि यहां के 697 तालाब-पोखर स्वयं प्यास से तड़प रहे है, मगर प्रशासन ने जानवरों की पेयजल समस्या के समाधान के लिए चरखारी विकास खंड के 41 तालाबों को नहरों के माध्यम से पानी से लबालब किया जाना दर्शाया है। हालांकि इस फर्जीवाडे़ की पोल सिंचाई विभाग और जिला पंचायत राज कार्यालय के कथनों में भारी भिन्नता से खुलती है। जहां डीपीआरओ ने तो कबरई व चरखारी विकास खंड के तालाबों को भरे जाने की रिपोर्ट शासन को भेज दी। वहीं सिंचाई विभाग के मुताबिक यहां के अधिकांश तालाब सूखे हैं पर उन्हें नहरों के माध्यम से भरना असंभव है। उनको भरने के लिए जल निगम और ट्यूबवेल विभाग से सहयोग मांगा गया है।
बीते पांच वर्षो से लगातार कम वर्षा होने और इस वर्ष सूखे की विकराल समस्या से जिले के 697 तालाब व पोखर सूखकर मैदान बन गये है। गांव-गांव में पेयजल की विकराल समस्या है, जिससे लोग बेहाल हैं और जानवर प्यास से जानवर दम तोड़ रहे है। जानवरों को पेयजल सुलभ कराने के लिए शासन ने दैवीय आपदा राहत कोष से धनराशि भेजी, लेकिन अधिकारी इस धन को भूख-प्यास से प्रभावितों की फौरी सहायता और विकास कार्यो में व्यय किये जाने की रिपोर्ट भेजकर शासन को गुमराह कर रहे हैं।
जिला पंचायत राज विभाग की रिपोर्ट में कबरई विकास खंड के 291 तालाबों में 262 को और चरखारी विकास खंड के 110 तालाबों में 85 को सूखा दर्शाकर नहरों के माध्यम से 11 तालाबों व 30 को गढ्डे-पोखरों को पानी से लबालब किया जाना दर्शाया गया है। ऐसे ही जैतपुर विकास खंड में 151 में से 116 सूखे दर्शाकर शासन को रिपोर्ट भेजी गयी है।
इस संबंध में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता कुणाल कुलश्रेष्ठ बताते है कि सिंचाई विभाग ने गुजरे जून माह में नहर के माध्यम से महज दो तालाबों को पानी से भरा है। शासन ने जानवरों को पेयजल सुलभ कराने के लिए तालाबों को भरने के निर्देश दिये है मगर यहां के प्रमुख सरोवरों में जलाभाव के चलते तालाबों को भरना संभव नहीं है। तालाबों को भरने के लिए महकमे ने जलनिगम और टयूबवेल विभाग को पत्र भेज सहयोग मांगा है। मगर अभी तक सहयोग तो दूर रहा अपनी प्रतिक्रिया भी नहीं भेजी है। वहीं प्रभारी जिला पंचायत राज अधिकारी जेपी सिंह ने हाल में ही चार्ज संभालने का हवाला देकर इन आंकड़ों पर अपनी प्रतिक्रिया देना टाल गये।