खतरे में है अफ्रीका की सबसे बड़ी झील - साभार पर्यानाद

पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी झील का अस्तित्व खतरे में है. विक्टोरिया झील के निरीक्षण के बाद विशेषज्ञों ने यह राय दी है. झील का उपयोग कारों और ट्रकों की सफाई के लिए किया जा रहा है. इससे झील का पानी और प्रदूषित हो गया है. झील में जलकुंभियों की भरमार है, जिससे मछलियां भी कम होती जा रही है.

पर्यावरण वैज्ञानिकों और विक्टोरिया झील के किनारे रहने वाले लोगों का मानना है कि यदि जल्द इस झील को बचाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए तो झील को पूरी तरह से खत्म होने से नहीं रोका जा सकता है. विक्टोरिया झील के पास के एक गांव के पर्यावरण वैज्ञानिक एरिक ओडाडा ने कहा कि यह झील पहले भी तीन बार सूख चुकी है, लेकिन इस बार यह खतरा मनुष्य द्वारा पैदा की गई स्थितियों के कारण अधिक चिंताजनक बन गया है.

आसपास के गांवों में जंगल की कटाई और झील में मिलने वाली दर्जनों नदियों के कारण उत्पन्न गाद से झील को काफी नुकसान हो रहा है. पिछले सौ सालों में जलस्तर 120 मीटर से घटकर 40 मीटर रह गया है. 15 वर्षो से झील के सहारे मछली का कारोबार करने वाले ज्योफ्री ओब्योर ने कहा कि यदि यह सब जारी रहा तो झील पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निर्भर रहने वाले लाखों लोगों की रोजी-रोटी खतरे में पड़ जाएगी.

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