नदी का पानी सूखने से हैंडपंप भी देने लगे जवाब

चित्रकूट। पयस्वनी नदी का प्रवाह रोक दिये जाने से नदी का पानी सूख गया। इससे कई गांवों में जलस्तर नीचे चले जाने के कारण हैंडपंप भी जवाब देने लगे हैं। क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांव के लोगों के सामने पेयजल की किल्लत पैदा हो गई है।

सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राजबहादुर सिंह यादव ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर बंधुइन डायवर्जन बांध की ऊंचाई बढ़ाकर पयस्वनी के जल प्रवाह को रोक दिये जाने से नदी के किनारे बसे दर्जनों गांवों में पानी की घोर किल्लत पैदा हो जाने की समस्या से अवगत कराया है।

उनका कहना है कि जहां एक तरफ पेयजल की समस्या खड़ी हो गयी है वहीं दूसरी तरफ बांध के कारण पयस्वनी का अस्तित्व बांध बंधुइन के बाद खत्म होता जा रहा है। उन्होंने बताया कि बंधुइन डायवर्जन के बाद सूर्यकुंड, खजुरिहा, हिनौता, रेहुंटा, खेर, मकरी पहरा, भंभौर, परसौंजा, पटिया, कहेटा, चौरा, देवल, अगरहुंडा, कलवारा, पनौटी, बरेठी, औदहा व महुवा आदि दर्जनों गांवों में पयस्वनी का पानी बंद हो जाने से ग्रामीणों में जबर्दस्त आक्रोश है। उन्होंने कहा कि पहली बार सिंचाई विभाग ने बांध को और ऊंचा कर पयस्वनी नदी के पानी को बांध के आगे आबाद गांवों तक पहुंचने से रोकने का काम किया है। इससे नदी किनारे आबाद गांवों में जलस्तर नीचे चले जाने के कारण हैडपंपों व कूपों का जलस्तर भी नीचे चला गया है। ग्रामीण व उनके मवेशियों के समक्ष पानी की किल्लत पैदा हो गई है। उन्होंने जिलाधिकारी से बंधुइन बांध को अविलंब खुलवा पयस्वनी नदी के अस्तित्व को बचाने का प्रयास कर ग्रामीणों को पानी मुहैया कराने की मांग की है।

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