गंगा नदी नहीं बल्कि धर्म-गोविन्दाचार्य
वाराणसी-जाने माने चिंतक के.एन. गोविन्दाचार्य ने कहा है कि गंगा सिर्फ नदी ही नहीं बल्कि देश की धर्म एवं संस्कृति है और उसका प्रवाह निरन्तर बने रहना चाहिए।
गंगा सागर से चली गंगा प्रवाह यात्रा के यहाँ पहुँचने पर रविवार की रात राजेन्द्र प्रसाद घाट पर एक समारोह में उन्होंने कहा कि संस्कृति की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें ऐसा विकास नहीं चाहिए जो देश को आर्थिक रूप से खोखला कर दे एवं हमारी संस्कृति और संस्कार को नुकसान पहुँचाए।
गोविन्दाचार्य ने कहा कि हमने पिछले पचास सालों में गंगा को बहुत प्रदूषित किया है। अब ऐसा न हो। इस मसले पर यदि समाज नहीं चेता तो अनर्थ हो जाएगा एवं वह दिन दूर नहीं जब गंगा का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। गंगा को सिकुड़ने एवं प्रदूषित होने से हमें हर हाल में बचाना होगा। इसके लिए हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।