अवैध रेत खनन से यमुना का अस्तित्व खतरे में

बागपत। जलपुरुष राजेन्द्र सिंह का कहना है कि जिस तरह से बडे़ पैमाने पर रेत खनन हो रहा है, उससे यमुना का अस्तित्व ही संकट में पड़ जायेगा। यमुना को बचाने के लिए लोगों को आगे आना चाहिए। वे फिर से भारत सरकार और यूपी सरकार को पत्र लिखकर रेत खनन रोकने का अनुरोध करेंगे।

गौरतलब है कि यमुना में काफी साल से भारी पैमाने पर जेसीबी मशीनों वैध और अवैध रेत खनन होता है। इसके कई आयाम हैं। किसानों ने भी कई बार रेत माफिया से टकराहट मोल ली, क्योंकि एक तो वे उनके खेत तबाह कर रहे थे और दूसरे नदी में बांध बनाकर बाढ़ का खतरा पैदा कर रहे थे। लेकिन इससे भी बड़ा खतरा है, खुद यमुना के अस्तित्व पर ही संकट। यमुना का पारिस्थितिक संतुलन तो पूरी तरह गड़बड़ा चुका है। यमुना में रेत खनन को लेकर जल पुरुष राजेन्द्र सिंह भी चिंतित हो उठे हैं। मंगलवार को वे अपने गांव डौला आये हुए थे। तब उन्होंने बातचीत में कहा कि जिस तरह से यमुना में रेत खनन किया जाता है वह ठीक नहीं है। इससे यमुना का पारिस्थितिक व पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। यमुना में जैविक तत्व नष्ट हो रहे हैं। यह स्थिति बहुत चिंताजनक हैं। उन्होंने कहा कि यमुना को बचाने के लिए लोगों को आगे आना चाहिए। अगर लोग यमुना को बचाने के लिए पहल करते हैं तो वे भी अपना समय देंगे। कहा कि पहले भी वे भारत और यूपी सरकार को पत्र लिख चुके हैं कि यमुना समेत तमाम नदियों में रेत खनन को बंद कराया जाये। इससे यमुना को खतरा उत्पन्न हो गया है। अब एक बार फिर भारत व यूपी सरकार को पत्र लिख कर अनुरोध करेंगे कि खनन बंद कराया जाये। कहा कि इस रेत खनन के चक्कर में यमुना बर्बाद हो रही है।

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