तीर्थ क्षेत्र की नदी सूखी

ओरछा/कुण्डेश्वर । मकर संक्रांति के अवसर पर हजारों श्रद्धालु तीर्थ स्थलों पर बहती नदियों में पुण्य स्नान कर धर्म लाभ उठाते हैं। जिले के ओरछा तीर्थ की बेतवा नदी एवं कुण्डेश्वर की जमडार नदी सूख जाने से इस बार श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना करना पडेगा। धार्मिक नगरी ओरछा की बेतबंत्री नदी के सूख जाने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेतवा में स्नान करने के लिए पानी की तलाश में दूर तक जाना पड सकता है। आसपास बसे ग्रामों में भी पीने के पानी का संकट गहराने लगा है। ब्लाक कांग्रेस कमेटी ने जिला प्रशासन से बेतवा में बांध का पानी खोले जाने के लिए पहल करने की मांग की है।
गौरतलब है कि धार्मिक नगरी में रोज सैकडों की संख्या में श्रद्धालु बेतवा स्नान के बाद रामराजा सरकार के दर्शन कर पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं, लेकिन बेतवंत्री के सूख जाने श्रद्धालुओं को स्नान करने में बडी परेशानी हो रही है। चूंकि ओरछा में हर माह पुष्य नक्षत्र, अमावस्या के साथ-साथ अन्य मेले त्यौहार पर श्रद्धालु पहुंचते है।
ऐसे में यहां आने वाले हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के त्योहार पडते है। ऐसे में यहां आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए अब बेतवा नदी में स्नान करने के लिए बडी परेशानी होने लगी है। इसके साथ ही बेतवा किनारे बसे ग्रामों से बह रही नदी के सूख जाने से पीने के पानी का संकट छाने लगा है। ब्लाक कांग्रेस कोषाध्यक्ष रणवीर सिंह राजावत, नपं पार्षद प्रदीप परिहार, युकां जिला उपाध्यक्ष कृष्णकांत त्रिवेदी, जिला महामंत्री जगत प्रकाश यादव, वरिष्ठ नेता गुलाबचंद्र विश्वकर्मा, अखिलेश यादव ने मकर संक्रांति पर्व को ध्यान में रखते हुए बेतवा में बांध से पानी खोले जाने की मांग की है जिससे धार्मिक नगरी में आने वाले श्रद्धालुओं को बेतवा नदी में असुविधा न हो। कांग्रेस नेताओं ने से पहल करने की मांग की है। कुण्ड में सूख गया पानी कुण्डेश्वर में भी जमडार नदी के सूख जाने से पर्व स्नान करने पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए तकलीफें झेलना पड सकती हैं। हालांकि कुण्ड में बचे पानी को पंप द्वारा नदी में स्नान के लिए भरा जा रहा है। जिससे श्रद्धालु पर्व स्नान की रस्म अदा कर सकते है। तालाब भी सूखे जिले के सभी बडे तालाबों के सूख जाने से भी मकर संक्रांति के पर्व पर हमेशा नदियों, तालाबों पर जाकर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को इस बार अपने घर पर ही नहाना पड सकता है। अधिकांश तालाब सूख गए है और उनका पानी गंदा हो गया है।
काम नहीं आए 7 लाख रुपए
नगर पालिका टीकमगढ द्वारा बरीघाट स्थित फिल्टर प्लांट तक बांध से पानी लाने का प्रयास किया था। पालिका द्वारा सात लाख रुपए खर्च किए गए। जिसके बाद पानी छोडा गया लकिन पानी प्लांट से 20 किमी पहले ही सूख गया जिससे नपा की राशि पानी में चली गई। यदि बरीघाट में पानी आ जाता तो लोग पर्व स्नान का लाभ भी उठा लेते और शहर में एक हफ्ते बाद आने वाला भीषण जल संकट कुछ समय के लिए टल सकता था।
इसी तरह जिले के कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों में जलस्रोतों के सूख जाने से मकर संक्रांति पर्व फीका नजर आएगा। क्योंकि बिन पानी सब सून की स्थिति बन रही है।

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