चंबल के पानी की तासीर से आता है मुरैना की गजक में खस्तापन

मुरैना, 25 नवंबर(भाषा)। चंबल नदी के बीहड़ जहाँ एक और दुर्दांत डकैतो के लिए कुख्यात हैं वहीं इसका पानी गुड़ और तिल से बनी मुरैना की खस्ता गजक के लिए भी मशहूर है। जाडे़ की मेवा के नाम से प्रसिद्ध गजक यहाँ अब कुटीर उधोग का रुप ले चुकी है। इन चार महीनों में यहाँ के गजक व्यवसायी अपनी साल भर की आजीविका अर्जित करने के साथ ही सैकङों बेरोजगारों को भी आय का जरिया मुहैया कराते हैं। सैकङों वर्ग किलोमीटर में फैले चंबल नदी के बीहड़ जहाँ डकैतों और बंदुको के लिए बदनाम हैं वहीं की मशहुर गजक ने बिहडों के चेहरे पर लगे बदनुमा दाग को धोने का काम किया है। गजक व्यवसाय से जुड़े बड़े बुजुर्ग कहते है कि मुरैना की गजक की प्रसिद्धि व खस्तापन के पीछे चंबल के पानी की तासीर है जिसने यहाँ की गजक को देश मे अपना एक स्थान दिलाया है। मुरैना मे गजक बनाने की शुरुआत आज से करीब आठ दशक पहले यहाँ के शिवहरे परिवार ने की थी। तब उन्होने गुड़ और तिल को मिलाकर तिलकुटिया बनाकर बाजार मे उतारा था। स्वादिष्ट तिलकुटुया की बढ़ती माँग को देखते हुए धीरे धीरे तिलकुटिया की कारीगर मुरैना में विभिन्न प्रकार की गजक बनाने लगे।
गजक के धंधे से परंपरागत रुप से जुड़े व्यापारी गोपी शिवहरे ने बताया कि मुरैना की खस्ता और लाजवाब गजक की प्रसिद्धि के पीछे चंबल के पानी का राज है। वे कहते हैं कि यहाँ पानी में कई लवणयुक्त तत्वों की उपस्थिति और गुड़ में मौजुद लोह तत्वों के साथ आयुर्वेद में गुणकारी माने जाने वाले तिल का मिश्रण जहाँ गजक को स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक बनाता है वहीं यहां के कुशल कारीगरों की गजक की कुटाई उसे खस्ता बनाती है।
एक दुसरे गजक निर्माता कमल किशोर के अनुसार आज वे अपने कारखाने पर तिल, गुड़ शक्कर और मावे से भरपूर गजकों में पिस्ता, काजु गजक, फेनी गजक, गुजिया गजक, सोन गजक रोल, समोसा गजक, मावा गजक, तिल पट्टी, सहित कई प्रकार की तिलकुटिया की गजक बनाकर देश भर में भेज रहे हैं। गजक की लोकप्रियता का आलम यह है कि जाडे़ के इन दिनों में शादी और दावतों में मिठाई की जगह गजक ही परोसी जा रही है।
कमल किशोर के मुताबिक मुरैना से हर रोज सैकडो़ किलो गजक इंदौर, भोपाल, दिल्ली, मुंबई पुणे सहित कई महानगरों को भेजि जा रही है। उनका कहना है कि हर साल नवंम्बर से फरवरी तक यह सिलसिला अनवरत चलता रहता है। उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग या रेल मार्ग के जरिए मुरैना से गुजरने वाले अधिकांश यात्री मुरैना से गुजरने वाले अधिकांश यात्री मुरैना की खस्ता गजक लिए बगैर नही रह पाते। यहां पुराने गजक निर्माताओं ने गजक के नए-नए परिष्कृत रुप तैयार कर लोगों के स्वाद में बढोतरी की है। यही कारण है कि मुरैना की मशहुर गजक की आज देश के कोने- कोने से मांग आ रही है।

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