जल संरक्षण कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह का बिहार को बाढ़ से बचने का मंत्र

पटना, जल संरक्षण कार्यकर्ता और मैग्सेसे पुरस्कार विजेता राजेन्द्र सिंह का मानना है कि अगर बिहार एक संतुलित विकेन्द्रीकत जल प्रबंधन व्यवस्था अपनाए तो महज तीन वर्षों में ही बिहार को बाढ़ से छुटकारा मिल सकता है।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि बिहार को बाढ़ से मुक्ति दिलाने के लिए विकेन्द्रीकृत जल प्रबंधन व्यवस्था की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बिहार में हर साल बाढ़ से भारी तबाही होती है। इस साल मानसून में बिहार में बाढ़ से 650 से अधिक लोगों की मौत हुई और 2.1 करोड़ लोग प्रभावित हुए। इस प्राकृतिक आपदा से नेशनल हाईवे, बांधों और सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा। बाढ़ से 8.28 अरब रुपये की खड़ी फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा वहीं 521,441 घर क्षतिग्रस्त हो गए। उन्होंने कहा कि यह बिहार सरकार को निर्णय लेना है कि वह इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए किफायती दीर्घकालीन मॉडल पर अमल करेगी या अस्थायी तौर पर ऊंची लागत वाले मॉडल पर अमल करेगी।

उन्होंने कहा कि बिहार को बाढ़ से मुक्ति दिलाने के लिए खास रणनीति बनानी होगी। उन्होंने कहा कि छोटे छोटे बांध, जलाशय आदि बनाकर राज्य में पानी का बेहतरीन प्रबंधन किया जा सकता है और बाढ़ से बचा जा सकता है। ऐसी छोटी परियोजनाओं के लिए सिंचाई एवं जल प्रबंधन परियोजनाओं से फंड की व्यवस्था की जा सकती है। उन्होंने कहा कि केंद्रीकृत जल प्रबंधन व्यवस्था से सिंचाई समस्या भी दूर होगी। उन्होंने कहा कि बड़े बांधों के निर्माण से बिहार की इस समस्या का समाधान नहीं निकलेगा। वैसे, बिहार सरकार के दिमाग में दूसरी ही योजनाएं घुमड़ रही हैं। बिहार सरकार ने नदी तटबंधों व बांधों में दरार रोकने के लिए एक अमेरिकी तकनीकी का इस्तेमाल करने का फैसला किया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस

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