पाकिस्तान में जल प्रदूषण हर साल 50 हजार लोगों को लील जाता है: रिपोर्ट

इस्लामाबाद, विश्व बैंक की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक प्रदूषण हर साल 50 हजार से अधिक पाकिस्तानियों की मौत की वजह बनता है। भुक्तभोगियों में अधिकांश गरीब शामिल हैं। देश की अर्थव्यवस्था को प्रदूषण से हर साल 356 अरब रुपये का नुकसान होता है।

पाकिस्तान स्ट्रेटजिक कंट्री इनवायरनमेंटल एसेसमेंट नामक रिपोर्ट में पाकिस्तान के प्रमुख शहरों में प्रदूषण के भयावह परिदृश्य की चर्चा की गयी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद के 6 फीसदी हिस्से के बराबर प्रदूषण से पाकिस्तान को नुकसान होता है। इस्लामाबाद बाद और चार प्रांतीय राजधानियों व दूसरे शहरों में वायुमंडल में प्रदूषक तत्वों का स्तर सुरक्षित स्तर को पार कर गया है। ऐसे में प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियों से हर साल शहरों में 22,700 लोगों की जान जाती हैं वहीं देहाती इलाके भी इससे अछूते नहीं हैं। देहाती इलाकों में आंतरिक प्रदूषण से हर साल करीब 28 हजार मौतें होती हैं। इनमें से अधिकांश भुक्तभोगी महिलाएं और बच्चे हैं।

यह रिपोर्ट सोमवार को लाहौर में जारी की गयी। शहरों में दो स्ट्रोक वाले तिपहियों और डीजल संचालित दूसरे वाहनों को प्रदूषण का प्रमुख स्रोत माना गया। डॉन अखबार के मुताबिक वायुमंडल में सल्फर की उच्च मात्रा के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। रिपोर्ट में अकाल मौत की प्रमुख वजहों में वायु प्रदूषण को शामिल किया गया है। डायरिया, टायफाइड, आंत्रशोथ जैसी बीमारियां भी प्रदूषण की उपज हैं। जल-जनित बीमारियां का खतरा पाकिस्तान में बढ़ रहा है। प्रदूषण के कारण मिट्टी की उपजाऊ क्षमता घटती जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में जल-जनित बीमारियों से हर साल देश की अर्थव्यवस्था को 114 अरब रुपये का नुकसान पहुंचता है। इस रिपोर्ट में औद्योगिक और निगम के कचरे से निपटने के लिए खास रणनीति बनाए जाने पर जोर दिया गया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस

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