जलवायु परिवर्तन के कारण चीन में तेजी से पिघल रहे हैं हिमनद

लांझोउ (चीन), 15 दिसम्बर (आईएएनएस)। जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप पिछले पांच वर्षों में पश्चिमी चीन के क्षेत्रों में हिमनद तेजी से पिघल रहे हैं। एक सर्वेक्षण के मुताबिक इस दौरान पश्चिमी चीन में सात से 18 फीसदी हिमनद पिघल चुके हैं।
इस वर्ष मई में चीन के विज्ञान और तकनीकी मंत्रालय और चीनी एकेडमी ऑफ साइंसेज (सीएएस)की ओर से शुरू किए गए इस सर्वेक्षण में देश के एक तिहाई क्षेत्रफल को शामिल किया गया था। करीब 20 हजार वर्ग किलोमीटर के दायरे में किए गए इस सर्वेक्षण से पता चला है कि देश के इस इलाके में हिमनदों में से औसतन 7.4 फीसदी हिमनद पिघल चुके हैं। सर्वेक्षण को पूरा होने में पांच वर्षों का समय लगेगा।
सर्वेक्षण से पता चला है कि जुंग्गर बेसिन, उत्तरी ज् िानिजियांग के इली नदी के इलाके में और तिब्बत में यारलुंग जैंगबो नदी के समीप हिमनद सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। इन क्षेत्रों में 18 फीसदी से भी अधिक हिमनद पिघल चुके हैं।
सीएएस के शोध फेलो डिंग योंगजियान ने कहा, ''हिमनदों का पिघलना जलवायु परिवर्तन का परिणाम है।'' जलवायु परिवर्तन की वजह से पिछले कुछ दशकों में पश्चिमी चीन में तापमान में बढ़ोतरी हुई है। इस वजह से हिमनद पिघल रहे हैं।
गौरतलब है कि चीन में करीब 46 हजार हिमनद हैं जो 60 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं। पृथ्वी पर मध्य और निम् अंक्षाशों में पाए जाने वाले हिमनदों का 50 फीसदी चीन में ही पाया जाता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस

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