पानी के संकट से जूझ रही है कश्मीर घाटी

श्रीनगर, 28 नवंबर (आईएएनएस)। झीलों, झरनों और नदियों की घाटी कश्मीर इन दिनों पानी की समस्या से जूझ रही है। घाटी में मौजूद पांच सौ से ज्यादा झरने सूख चुके हैं जिसके चलते पानी की समस्या पिछले चालीस साल के दौरान अब तक के सबसे बुरे दौर में है।
यहां के गांवों के लिए पीने के पानी के एक मात्र स्रोत के रूप में मौजूद इन झरनों के सूखने के कारण गांव वासी जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी (पीएचई) विभाग द्वारा उपलब्ध करवाए जा रहे टैंकरों पर निर्भर हो गए हैं।
पीएचई के एक अधिकारी के अनुसार, ''हम इस इलाके में लगातार पानी उपलब्ध करवा रहे हैं। श्रीनगर शहर में स्थिति इतनी बुरी नहीं है लेकिन अगले कुछ महीनों में भी बारिश नहीं होती है तो पानी का संकट पैदा हो जाएगा।''
पिछले एक महीने से यह गांव वर्षा की उम्मीद में हैं। गंदेरबल जिले के हरीपोड़ा गांव के रहने वाले शबीर अहमद के अनुसार, ''हमारे गांव में एक ही झरना है लेकिन वह भी अब सूखने की कगार पर है। यह झरना हमारे लिए पीने के पानी का एक मात्र जरिया है। लेकिन इसमें पानी का स्तर लगातार कम होता जा रहा है।''
ऐसे में सरकारी अधिकारियों का कहना है कि स्थिति इससे भी बुरी हो सकती है। बिजली विभाग के मुख्य इंजीनियर ख्वाजा निसार हुसैन के अनुसार, ''पिछले चालीस सालों के दौरान स्थिति इतनी खराब कभी नहीं रही। ।''
पानी की कमी ने बिजली का संकट भी पैदा कर दिया है और कश्मीरवासियों को इस समस्या से निपटने के लिए प्रार्थना के अलावा फिलहाल कोई दूसरा विकल्प नहीं दिखता।

एफ. अहमद, 28 नवंबर 2007, इंडो-एशियन न्यूज सर्विस

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