यमुना की धार बदलने को बांध बनाया, टकराव की आशंका

बागपत। रेत खनन करने को लेकर यमुना की धार बदलने को रात में बनाये गये बांध को देख नैथला खादर में फिर तनाव बन गया। इसको लेकर कभी भी माफिया और ग्रामीणों में टकराव हो सकता है।
दरअसल नैथला खादर में माफिया ने रेत खनन के लिए यमुना की धार बदलने को बांध बना दिया था। ग्रामीणों और माफिया के गुर्गों में जबरदस्त टकराव हो गया। फायरिंग और आगजनी तक की घटना घटी थी। उसी दौरान शासन के आदेश पर लखनऊ से आई खनन विभाग के प्रवर्तन दल की टीम ने वहां छापा मारा तो हालात चिंताजनक पाये। टीम ने शासन को रिपोर्ट दी थी कि खनन ने यमुना का पारिस्थितिक संतुलन बिगाड़ कर रख दिया है। टीम ने पूर्व विधायक समेत चौदह लोगों के खिलाफ अवैध खनन का मुकदमा बागपत कोतवाली पर दर्ज कराया था तथा एक करोड़ रुपये को जुर्माना भी लगाया था। किन्तु इसके बाद वहां दूसरे माफिया ने अपने पैर पसार लिए। एक सप्ताह पहले ही रेत खनन के लिए यमुना की धार बदलने को पोपलेन मशीनों से बांध बनवाया जा रहा था तो ग्रामीणों ने जबरदस्त विरोध किया। वहां फायरिंग और तोड़फोड़ तक हुई। किसी तरह खून खराबा होने से बचा, मगर अब फिर माफिया ने वहां अपनी कारस्तानी दिखानी चालू कर दी। ग्रामीणों के अनुसार माफिया ने रात में ही मशीनों से यमुना की धार बदलने के लिए बांध बनवा दिया। ज्यादातर बांध बन चुका। इसका पता जब नैथला के लोगों को लगा तो उनमें आक्रोश व्याप्त हो गया। इससे वहां फिर तनाव बनने लगा है और कभी भी माफिया तथा ग्रामीणों के बीच टकराव से खूनी संघर्ष हो सकता है। शायद प्रशासन को भी इसी का इंतजार है। पता चला है कि ग्रामीण इस बांध को ध्वस्त करने के लिए प्लान बना रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बांध बनने से यमुना की धार बदलने से उनके गांव में कटान हो सकता है और खादर में उनके खेत पानी आने पर डूब सकते हैं। खनन का कार्य देखने वाले डिप्टी कलेक्ट्रेट श्री प्रकाश ने इस तरह का कोई बांध बनाये जाने की जानकारी से अनभिज्ञता जताई। कहा, अगर बांध बनाया गया होगा तो कार्रवाई की जाएगी।

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