जबलपुर में तीन दिवसीय नर्मदा महोत्सव

संगमरमरी सौन्दर्य की नगरी भेड़ाघाट की वादिया बुधवार की शाम शास्त्रीय नृत्य और लोक नृत्यों से झूम उठीं। प्रकृति के गोद में निर्मित भव्य मुक्ताकाश मंच पर आयोजित इस तीन दिवसीय नर्मदा महोत्सव का शुभारम्भ विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने माँ नर्मदा की प्रतिमा के समक्ष द्वीप प्रज्जवलित कर किया। उद्धाटन समारोह के प्रारम्भ में मत्स्य पालन राज्य मंत्री मोती कश्यप ने माँ नर्मदा की विधिवत पूजा-अर्चना की।विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने इस मौके पर कहा कि भेड़ाघाट के विकास के लिए अथक प्रयास हुए हैं, इन उत्सवों का आयोजन भी इन्हीं प्रयासों की एक कड़ी है। भेड़ाघाट की प्रसिध्दि का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि आज बाहर से आने वाले व्यक्ति से उसके शहर में लौटने पर पूछा जाता है कि उसने जबलपुर प्रवास के दौरान भेड़ाघाट देखा कि नहीं अगर उसने भेड़ाघाट की संगमरमरी सौंदर्य और उनके बीच बहती माँ नर्मदा के दर्शन नहीं किये तो उसकी यात्रा को अधूरा समझा जाता है। श्री रोहाणी ने कहा कि प्रकृति ने हमे अनुपम उपहार के रूप में भेड़ाघाट और धुंआधार दिया है। उन्होंने इसके व्यापक प्रचार-प्रसार पर बल दिया। उन्होंने कहा माँ नर्मदा के अथाह जल से प्रदेश में विद्युत उत्पादन के साथ ही खेतों में सिंचाई हो रही है और प्रदेश के किसान समृध्द हो रहे हैं। मत्स्य पालन राज्य मंत्री मोती कश्यप ने इस मौके पर अपने उद्बोधन में कहा कि प्रकृति की गोद में स्थित इस संगमरमरी इकाई भेड़ाघाट की सुंदरता की मिसाल नहीं है। उन्होंने कहा माँ नर्मदा ने प्रकृति के खजाने के रूप में मध्यप्रदेश को अपार समृध्दि मिली हुई है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि नर्मदा महोत्सव जबलपुर नगर की पहचान बनेगा।इस मौके पर कमिश्नर जबलपुर संभाग अनिल श्रीवास्तव ने कहा भेड़ाघाट के विकास के लिए यहाँ रोप-वे सहित अनेकों कार्य हुए हैं जिससे इसकी लोकप्रियता का विस्तार हुआ है तथा इस महोत्सव की लोकप्रियता बढ़ी है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के समय भेड़ाघाट का विश्व प्रसिध्द जल प्रपात धुंआधार भी चन्द्रमा की दूधिया चांदनी से नहाया हुआ था। तीन दिवसीय नर्मदा महोत्सव का आयोजन संस्कृति संचालनालय, मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम एवं जिला प्रशासन जबलपुर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है।

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