भारत व आस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक मिलकर रोकेंगे भूजल प्रदूषण

सिडनी, 30 अक्टूबर। प्रदूषण से निपटने के लिए आस्ट्रेलिया और भारत के वैज्ञानिकों ने सांझे प्रयास करने का फैसला किया है। प्रदूषण आज पूरे विश्व में अपनी जड़े जमा चुका है। आज भूजल किस तरह से प्रदूषित हो रहा है इसकी व्यापक जांच की जाएगी।

आस्ट्रेलिया की जानी-मानी संस्था 'द कॉपरेटिव रिसर्च सेंटर फॉर कंटामिनेशन एसेसमेंट एण्ड रिमेडियेशन ऑफ द इंवायरनमेंट(सीआरसी-सीएआरई)' और 'भारतीय तकनीकी संस्थान, कानपुर(आईआईटी-के)' ने इस परियोजना पर साथ काम करने के लिए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए है।

'सीआरसी-सीएआरई' ने इस परियोजना के तहत 20 से ज्यादा कंपनियां और सरकारी एजेंसी समेत 5 ऑस्ट्रेलियन विश्वविद्यालय को अपना साझेदार बनाया है। 'सीआरसी-सीएआर' के प्रबन्ध निदेशक रवि नायडू ण ने बताया, '' इस प्रोजेक्ट से दोनों देशों को वैज्ञानिक और व्यवसायिक स्तर पर लाभ मिलेगा।'' साथ ही नायडू ने यह भी कहा है इस प्रोजेक्ट में आईआईटी-कानपुर के छात्र तकनीकि जानकारी से लैस होते हैं। इसलिए इस परियोजना में नई तकनीक का इस्तेमाल कर प्रदूषण-नियंत्रण की दिशा में काम किया जाएगा।

पर्यावरणीय वैज्ञानिक नायडू के अनुसार, ''इस प्रोजेक्ट से वैज्ञानिक स्तर पर सुधार तो आयेगा ही साथ ही व्यवसायिक स्तर पर भी लाभ मिलेगा। इस अभियान के अंतर्गत ऑस्ट्रेलिया की नई संस्था आस्ट्रेलियन रिमेडियेशन इंडस्ट्री कलस्टर(एआरआईसी) भी अपना योगदान देगी।'' - इंडो-एशियन न्यूज सर्विस

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