पानी पर नहीं मिलेगी सब्सिडी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि पानी के व्यावसायिक और वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए सब्सिडी जारी नहीं रख सकेंगे। किसानों को निशुल्क बिजली दिए जाने की नीति से पम्प सेटों के ज्यादा इस्तेमाल को भी भूमिगत पानी के दोहन के लिए जिम्मेदार बताया।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राष्ट्रीय भूमि जल अधिवेशन 2007 में बोल रहे थे। अधिवेशन में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने जल प्रदूषण पर चिंता जताते हुए कहा कि जल संरक्षण के काम को एक आंदोलन के रूप में जनता को जोडना चाहिये। राष्ट्रीय जल संरक्षण एवं भूमि जल संवर्दन पुरस्कार दिए गए। क्रषि मंत्री शरद पवार, जल संसाधन मंत्री सैफुद्दीन सोज, राज्य मंत्री जय प्रकाश यादव मौजूद थे।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि उचित प्रोत्साहन और जुर्माना लगाकर जल संरक्षण प्रबंधन को बेहतर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि कारोबारी जल के लिए निरंतर सब्सिडी जारी नहीं रख सकते इससे जुडी नीतियों में बदलाव आना चाहिए जिससे भविष्य के लिए जल संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने समतामूलक कुशल और पर्यावरणीय तौर पर स्थाई जल नीति पर आम सहमति बनाने की आवश्यकता जताई। मनमोहन सिंह ने जलवायु परिर्वतन और धरती का तापमान बढ़ने के खतरे का एहसास कराते हुए कहा कि देश में जलापूर्ति के लिए हम काफी हद तक हिमनद पर निर्भर है।
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने आह्वान किया कि एक-एक बूंद पानी के बचाव को एक आंदोलन के रूप में लेना चाहिए उन्होंने राज्य सरकारों को जल संरक्षण को एक चुनौती के रूप में लेने की बात कही। जल संसाधन मंत्री सैफुद्दीन सोज ने कृत्रिम पुनर्भरण के जरिये भूजल वृद्धि को विकल्प बताते हुए कहा कि डग वेल रिचार्ज की स्कीम बना रहे हैं। इस मौके पर राष्ट्रीय जल पुरस्कार महाराष्ट्र के अहमद नगर की हिवारे पंचायत को दिया गया। 14 भूमि जल संवर्धन पुरस्कार विभिन्न संस्थाओं और पंचायतों को दिए गए।
- सहारा न्यूज ब्यूरो

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