सरकार ने भूमिहीनों की माँगे मानीं / जनादेश यात्रा सफल

भारत सरकार ने भू-सुधारों की माँग कर रहे भूमिहीनों और आदिवासियों की माँगें मान ली हैं जिसके बाद शांतिपूर्ण आंदोलन वापस ले लिया गया है.
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने पत्रकारों के बताया कि सरकार एक महीने के भीतर भू-सुधार समिति का गठन करेगी.
उन्होंने कहा कि यह समिति निश्चित समयसीमा के भीतर अपनी सिफ़ारिशें देंगी जिस पर अमल किया जाएगा.
इसके अलावा प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक भू संसाधन आयोग का भी गठन किया जाएगा.
रघुवंश प्रसाद सिंह ने रामलीला मैदान जाकर आंदोलनकारियों से मुलाक़ात की और वहीं उनकी माँगों पर अमल करने का आश्वासन दिया.
उन्होंने राष्ट्रीय पुनर्वास नीति को क़ानूनी दर्जा देने और इसे संसद के अगले सत्र में पेश करने की घोषणा की.
'सत्याग्रह की जीत'
इसके साथ ही ग्वालियर से लगभग चार सौ किलोमीटर की पैदल यात्रा कर दिल्ली पहुँचे लगभग 25 हज़ार भूमिहीनों और आदिवासियों का शांतिपूर्ण और ग़ैर राजनीतिक आंदोलन समाप्त हो गया.
मैग्सेसे पुरस्कार विजेता और समाजसेवी राजेंद्र सिंह ने कहा, "यह सत्याग्रह की जीत है. ऐसा पहली बार है कि चौबीस घंटे के भीतर ही सरकार ने अपने हक़ों की माँग कर रहे लोगों की आवाज़ सुन ली."
भूमि सुधार और ज़मीन पर मालिकाना हक़ के क़ानून बनाने की माँग कर रहे इन लोगों का कहना है कि देश के आर्थिक विकास का फ़ायदा उन्हें नहीं मिला है.
ग्वालियर से शुरू हुई लंबी यात्रा के दौरान कुछ लोगों की दुर्घटना में मौत भी हो गई लेकिन उनका हौसला कम नहीं हुआ.
रविवार को जब ये मार्च दिल्ली पहुंचा तो लोग "भूख की जंग में, हम सब संग में" जैसे नारे लगा रहे थे.
ये प्रदर्शनकारी छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्रट पंजाब, झारखंड, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से आए थे.,,

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