निरंतर सिकुड़ती जा रही है जीवनदायिनी यमुना!

राकेश भारतीय/बीरमजीत यमुनानगर। हरियाणा सहित हिमाचल, यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान व दिल्ली यमुना जल मेंअपनी-अपनी हिस्सेदारी को लेकर भले ही समय-समय पर बवाल काटते रहे हों लेकिन सिकुड़ती जा रही यमुना बारे किसी को चिंता नहीं है। यमुना के प्रति बेरुखी का आलम यह है कि निरंतर सिकुड़ती यमुना का जल स्तर लगातार घटता जा रहा है। फ्लड सीजन में भी इस बार यमुना ने निराश किया है,इन दिनों कई बार हाई फ्लड लेवल के रिकार्ड बनाने वाली यमुना नदी आज केवल पांच हजार क्यूसिक के जल स्तर पर सिमट कर रह गई है।

निरंतर सिकुड़ती यमुना को देख कर लगता है कि लगातार कम होते जल स्तर को लेकर पांचों में से कोई भी राज्य संवेदनशील नहीं है। फ्लड सीजन के चार महीनों में आमतौर पर यमुना का जल स्तर 50 हजार क्यूसिक के आस-पास बना रहता है लेकिन गत पांच वर्षो से नदी के पानी में लगातार कमी आती जा रही है। सितंबर माह में कई बार खतरे के निशान को पार कर बहने वाली यमुना इस साल पूरा महीना नाले के रूप में बही है।
फ्लड सीजन के अंतिम दिन 30 सितंबर को यमुना का जल स्तर मात्र छह हजार क्यूसिक दर्ज किया गया है। सिंचाई विभाग के दर्ज आंकड़ों पर नजर डालें तो 29 सितंबर 1924 व 25 सितंबर 1947 में यमुना सात लाख क्यूसिक के जल स्तर पर बही। तीन सितंबर 1978 को यमुना अपने उच्चतम बिंदू सात लाख नौ हजार 239 क्यूसिक के जल स्तर में रही। पांच सितंबर 1995 में नदी का जल स्तर पांच लाख 38 हजार 338 दर्ज किया गया। 13 सितंबर 2002 में नदी का बहाव दो लाख 71 हजार 871 रहा। 2003 के फ्लड सीजन में नदी का जल स्तर 89411 क्यूसिक तक ही सिमट कर रह गया। 2004 के फ्लड सीजन में नदी का बहाव 82 हजार क्यूसिक तक ही पहुंच पाया। 2006 के बरसात के सीजन में केवल 80 हजार क्यूसिक तक ही पहुंच पाया। चालू सीजन में हिमाचल व उत्तरांचल में हुई अच्छी बरसात से केवल एक बार ही यमुना एक लाख सात हजार 346 क्यूसिक के जल स्तर पर पहुंच पाई है। फ्लड सीजन के सितंबर महीने में यमुना नदी का जल स्तर मात्र 10-15 हजार क्यूसिक तक ही रहा।

क्या कहते है केंद्रीय जल आयोग के आंकडे?
केंद्रीय जल आयोग के हथनीकुंड कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक प्रकृतिक कारणों से नदी के बहाव में लगातार कमी आ रही है। सिंचाई विभाग के ताजेवाला कंट्रोल रूप से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को यमुना नदी का जल स्तर सिमट कर मात्र पांच हजार 245 क्यूसिक रह गया है।

किस राज्य की कितनी है पानी की मांग?
सिंचाई विभाग के अनुसार यूपी राज्य से चार हजार क्यूसिक पानी की मांग की जा रही है, जबकि यूपी राज्य के हिस्से मात्र 681 क्यूसिक पानी आ रहा है। हरियाणा राज्य से 13 हजार 500 क्यूसिक पानी का इंडेट आ रहा है जबकि उपलब्ध जल में से उसके हिस्से 44 सौ क्यूसिक पानी आ रहा है। दिल्ली राज्य को प्राथमिकता के आधार पर कामन पूल से 700 क्यूसिक पानी की आपूर्ति की जा रही है।
क्या कहते है विभागीय अधिकारी?
इस बारे जब डीसी नीतिन यादव से संपर्क किया गया तो उन्हे लोकल गया बताया गया जबकि सिंचाई विभाग के एक्सईन अशोक नागपाल ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में बरसात न होने से यमुना में पानी की मात्रा लगातार घट रही है। आजकल पानी की निचले इलाकों में मांग 12-13 हजार क्यूसिक है,लेकिन यमुना में पांच हजार के आसपास क्यूसिक पानी आ रहा है। उन्होंने माना कि यमुना का लगातार सिकुड़ना चिंता का मामला है, लेकिन उन्होंने कहा कि हम इस पर सर्वे करवा रहे है। साभार - जागरण

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