यमुना सत्याग्रह

दिल्ली सरकार ने मान लिया है। यमुना में गलत निर्माण हो रहा है। यमुना सत्याग्राहियों का आग्रह 'सत्य' है। सरकार चलाने वालों जब तक सत्ता की कुर्सी पर हैं, तब तक विकास के नाम पर विनाश करना ही इनका लक्ष्य होता है। जब सत्ता से बाहर आते हैं, तब जिम्मेदारी का अहसास करके ईमानदारी अपनाते हैं। तभी ये जतना की हकदारी की इज्ज्त करते हैं। हमारा आग्रह सरकार चलाने वालों को प्रकृति का 'सत्य' सत्ता में रहते हुए समणना है। खेल गांव, मेट्रो, यमुना में है इनका यमुना नदी में निर्माण करना दिल्लीवासियों तथा देशवासियों के साथ अन्याय है।
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दिल्ली सरकार सीमेंट, कंकरीट का जंगल बनाकर आराम दायक जीवन बनाने की अपनी प्रतिबध्दता प्रकट कर रही है। सीमेंट कंकटरी का ंगल एक नदी की हत्या करके दिल्लीवासियों के जीवन को सुखदायी नहीं बना सकता। दिल्ली का सीमेंट, कंकरीट का जंगल एक नदी की हत्या करके दिल्लीवासियों के जीवन को सुखदायी नहीं बना सकता। दिल्ली का जीवन आरामदायी यमुना की शुध्दता और हरियाली से बनेगा। इसे सत्य मानकर सरकार यमुना नदी में हो रहे निर्माण को तुरंत प्रभाव से रोकें।
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जब तक नदी में निर्माण होगा। तब तक हम इस निर्माण को रोकने तथा नदी शुध्द- सदानीरा बनाने का सत्याग्रह जारी रखेंगे। हमें उम्मीद है कि दो अक्टूबर से पहले दिल्ली सरकार यमुना नदी में हो रहे नये निर्माण रोककर सभी तरह का अतिक्रमण हटा देगी। यमुना में तो वृक्षारोपरण करके हरा-भरा बनाएगी। यमुना को हरा-भरा बनाने में यमुना सत्याग्रही भी मदद करने के लिए तैयार हैं।
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1 अगस्त से यमुना सत्याग्रह के पक्ष में दिल्ली के गांवों, गलियारों, मोहल्लो, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों पर पहुंचकर लोगों को यमुना बचाने के गीत गाकर, ढोल बजाकर और आपस में यमुना संवाद चल रहा है। अब देखना है कि दिल्ली सरकार दिल्ली के समाज को कितना सुनती है, और मानती है। दिल्ली की सरकार ने दिल्ली को झुग्गी मुक्त बनाने का संकल्प तो सुना लिदया, लेकिन यमुना को कब्जामुक्त करके आजादी से बहने और शुध्द, सदानीरा बनाने का फैसला अभी सुनने का इंतजार है। भूमिहीनो को भूमि पर हक तथाजीवन के लिए जल पर सबको बराबर हक पाने हेतु सत्याग्रह जारी है। 2 अक्टूबर तक सत्याग्रह को सरकार ने नहीं सुना तो हम सभी सत्याग्रही सरकार को आदेश देने की तैयारी करेंगे, जल, जमीन का हक पाने हेतु 25 हजार लोग श्री पी वी राजगोपाल जी के साथ दिल्ली के लिए निकलेंगे। राजेंद्र सिंह दिल्ली में ग्यारह स्थानों पर सत्याग्रह करेंगे। इसी प्रकार यह राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह शुरू होगा।
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यमुना से ही दिल्ली बनती है। यमुना पर सरकार कब्जे करवा रही है। यमुना के सरकारी कब्जों को हटवाने में दिल्ली का समाज यमुना सत्याग्रह - संवाद में सफल रहा है।
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1 सितम्बर को एन डी ए के नेता व पूर्व रक्षा मंत्री, जार्ज फर्नाडिंस ने यमुना सत्याग्रह स्थल पर पहुंचकर ''अक्षरधाम निर्माण में हम अपराधी हैं'' कहा था।
दिल्ली के उपराज्यपाल ने ''यमुना में सब नये निर्माण हम तुरंत प्रभाव से रोकते हैं। भविष्य में यमुना में निर्माण नहीं होने देंगे।'' कहा था।
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क्या आप जानते हैं : -
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केवल नौ दिनों के खेल के लिए सदियों पुरानी यमुना नदी को लूटा और बेचा जा रहा है?
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सभी विशेषज्ञ संस्थाएं, व्यक्ति एवं हाईकोर्ट की समिति भी यमुना पर खेलगांव को गलत व गैर कानूनी मानते हैं।
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दिल्ली में कॉमनवेल्थ खेलों के लिए निर्धारित बजट 1700 करोड़ रुपए था जो अब बढ़कर 23000 करोड़ हो गया है?
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कॉमनवेल्थ समिति के साथ हुए करार के मुताबिक खेलगांव बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों को दिया जाना था पर सरकार अब इसे 2 करोड़ रुपए प्रति फ्लैट के आधार पर बेचेगी?
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खेलगांव बनने से दिल्ली का भूजल पूरी तरह समाप्त हो जाएगा, दिल्ली सूख जाएगी? खेलगांव की प्रस्तावित जगह सीजिमिक जोन- 4 में आती है तथा बाढ़ एवं भूकंप सम्भावित है।
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इसके बावजूद सरकार हजारों करोड़ रुपए डुबाने और यमुना नदी को नष्ट करने पर अमादा है। यमुना में तो पेड़ लगेंगे। खेलगांव-मेट्रो डिपो कहीं और बनेंगे।
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धरती पर हरियाली लाओ नदियों को पवित्र बनाओ।
यमुना के सब कब्जे हटाओ इसे शुध्द सदानीरा बनाओ॥

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