द्रव्यवती नदी (जयपुर) की आज की स्थिति
सरकार की उदासीनता के चलते इस नदी की स्थिति, आज शहर के एक बड़े कूड़ेदान में तब्दील हो गयी है। इसमें जयपुर से गोनेर कस्बे तक के 20 स्थानों पर शहर का ठोस कचरा डाला जा रहा है। इनसे भूमिगत जल प्रदूषित हो रहा है। शहर के दक्षिणी- पश्चिमी इलाके के सैकड़ों गांव, पानी की कमी के साथ-साथ फ्लोराइड के पानी से प्रभावित तरह-तरह की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
1981 में शहर में आए बाढ़ से नदी के सभी बांधों के साथ-साथ धारा के तटबंध भी टूट गए, लेकिन सरकार ने न तो टूटे बांधों की मरम्मत करवायी और न ही नदी की लंबाई, चौड़ाई का सर्वेक्षण कराया। इसके कारण, नदी के पेटे में बस्तियां बसने लगी और अब तो विद्याधर नगर से अग्रवाल फार्म- मानसरोवर तक काफी बस्तियां पेटे में बस गईं। साथ ही पेटे में साग-सब्जियों की खेती भी बड़े पैमाने पर की जा रही है। नाले के गंदे पानी में सब्जियों की खेती के चलते लोगों को तरह-तरह की बीमारियों ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है।
क्यों जरूरी है द्रव्यवती नदी को बचाना ................................. अगले भाग में